महेमूद को चोटि को हास्य कलाकार बनाया

 शंकर जयकिसन-70 ए

 राज कपूर, दिलीप कुमार, देव आनंद इत्यादि कलाकारों की बात करते हुए बीच में कोमेडियन महेमूद को क्यों लाये ऐसा प्रश्न यदि आप के दिल में है तो उस के जवाब में थोडी सी पूर्वभूमिका समज लेनी जरूरी है ऐसा मैं मानता हुं.

1940 के दशक में हिमांशी राय और देविका रानी की जगमशहूर फिल्म कंपनी बोम्बे टोकिझ में मुमताझ अली नाम के एक डान्सर अभिनेता थे. उस कलाकार की संगीत और नृत्य की विरासत महेमूद में थी. महेमूद की इस खूबी के बारे में आर डी बर्मन ने हमें बताया था.


श्री और श्रीमती अजित पोपट संगीतकार आर डी बर्मन के साथ. आर डी के चहेरे पर की मुस्कान देखिये.

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पंचमदा ने कहा था की महेमूद कभीकभार हम को भी संगीते बारे में सुझाव देता था. उस के सुझाव विचारप्रेरक थे. वह संगीत और नृत्य का जन्मजात मर्मी था. कोमेडियन के रूप में सारी दुनिया उसे जानती है. 

लेकिन भारतीय संगीत की उस की जानकारी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. उस की एक मिसाल यह रही. फिल्म सांझ और सवेरा में गुरु दत्त और मीनाकुमारी नायक-नायिका थे. इस फिल्म में शंकर जयकिसन ने सिँध भैरवी राग पर आधारित एक गीत बनाया था. अजहुं न आये बालमा सावन बीता जाय... यह गीत महेमूद और शुभा खोटे पर फिल्माया गया था. खुद गुरु दत्त और मीना कुमारीने इस गीत पर महेमूद के अभिनय की प्रशंसा की थी.

महेमूद अभिनित थोडी सी फिल्मों में शंकर जयकिसन का संगीत था. महेमूद पर फिल्माये गये गीतों की बात करते वक्त यह ध्यान में रहना चाहिये कि वह संगीत और नृत्य का जानकार था. कभी कभी वह अपने डायलोग्स भी खुद तैयार करता था. उस ने थोडी सी अच्छी फिल्में भी बनायी. अतैव अब महेमूद की बात करते हैं.  

महेमूद की फिल्म सर्जक के रूप में पहली फिल्म थी छोटे नवाब. उस के लिये वह एस डी बर्मन को मिलने गया था. लेकिन बडे बर्मनदा ने उस की फिल्म में संगीत देने से इनकार किया और महेमूद ने आर डी बर्मन से काम करवा लिया यह बात हम सब जानते हैं. भूत बंगला में तो संगीत के अतिरिकित उस ने पंचमदा से एक भूमिका भी करवायी. पंचमदा ने महेमूद के साथ भूत बंगला में कोमेडी की यह भी हम जानते हैं.

महेमूद ने अपनी फिल्मों में अलग अलग संगीतकार का संगीत लिया. प्यार किये जा में लक्ष्मीकांत प्यारेलाल का संगीत था तो कुंवारा बाप मे राजेश रोशन का संगीत था. कहने का तात्पर्य यह है कि वह संगीत की गहन समज का मालिक था. अतैव शंकर जयकिसन के साथ काम करते वक्त भी उस ने अपनी शैली का संगीत प्राप्त कर लिया था. इतनी पूर्वभूमिका समज लेने के बाद अब हम महेमूद के लिये शंकर जयकिसन ने परोसे संगीत का आस्वाद लेंगे. 

वैसे देखा जाय तो यह ऐसी फिल्मों की बात है जहां महेमूद ने कोमेडी की थी. शायद ही किसी फिल्म में वह हीरो था और संगीत शंकर जयकिसन का था. 


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