संगीत उपरान्त डान्स में भी शम्मी माहिर था

 शंकर जयकिसन-60

 


पिछले एक दो अध्यायों से हम शम्मी कपूर और शंकर जयकिसन की बातें कर रहे हैं. शम्मी कपूर स्वयं संगीत का मर्मी, अच्छा डान्सर और अपनें किरदार में मग्न हो जाने में माहिर थे. उटपटांग और विचित्र नामवाली फिल्मों में भी शम्मी कपूर ने अपना करतब दिखाया और कामियाब हुआ. उस की कामियाबी के पीछे उसका अथक पुरुषार्थ था.

दिलीप कुमार, राज कपूर और देव आनंद की बोलबाला थी उस समय में अपनी मेहनत और लगन से शम्मी कपूर भी चोटि के कलाकारों में स्थान पा सका, यह जैसी वैसी सिद्धि नहीं है. लेकिन उसकी यह सिद्धि में शंकर जयकिसन का भी बहुत मूल्यवान प्रदान रहा यह भूलना नहीं चाहिये. यह हकीकत का स्वीकार खुद शम्मी कपूर ने अपने साक्षात्कार में किया था. अब देखते हैं उस की फिल्मों के और गीतों की झलक.

फिल्म की कथा में डान्स के लिये अवकाश हो न हो, शम्मी कपूर एक बात का सदा ख्याल रखते थे कि उस के चाहनेवाले उस के गीतों को गुनगुनाते रहे. इस लिये वह सदैव शंकर जयकिसन से चर्चा करता और कभीकभार तर्ज में अपना सुझाव भी पेश करता था. एन इनविंग इन पेरिस के गीतों को सुनने के बाद राज कपूर ने हंसते हंसते जयकिसन को पूछा था, शम्मी मेरी कम्पिटिशन कर रहा है क्या... जय़किसन ने राज कपूर के सवाल का जवाब नहीं दिया. 

लेकिन यह हकीकत है कि शम्मी कपूर भी जयकिसन से आग्रह करता रहता कि मेरी फिल्म में भी एकाद गीत भैरवी में होना चाहिये. उस के सिर्फ दो गीतों को लीजिये. दिल तेरा दिवाना का शीर्षक गीत और एन इवनिंग इन पेरिस का शीर्षक गीत. दोनों गीत भैरवी में तो है ही, साथ में इन गीतों की बंदिश में डान्स के लिये भी अवकाश रहा जिस से शम्मी कपूर अपनी स्टाईल में डान्स कर सके.

 


शम्मी कपूर का साक्षात्कार ले रहे हैं लेखक अजित पोपट

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ठीक इसी तरह शम्मी कपूर यह भी देखता कि एकाध गीत राग आधारित हो और एकाध गीत पाश्चात्य शैली का हो. जहां तक मुमकिन हो, शम्मी कपूर गीत के रेकोर्डिंग में भी उपस्थित रहता था. फिल्म जानवर में सुमन कल्याणपुर की आवाज में एक गीत है- मेरे संग गा गुनगुना कोइ गीत सुहाना... यह गीत रागेश्री राग पऱ आधारित था. इसी फिल्म में मुहम्मद रफी की आवाज में मेरी मुहब्बत जवां रहेगी... गीत है वह शुद्ध कल्याण राग पर आधारित था. 

कहने का तात्पर्य यह है कि जब अदाकार खुद भी थोडा बहुत संगीत जानता हो या समजता हो तब संगीतकार के पास अपनी पसंद के गीत तैयार करा सकता है. पिछले अध्याय में मैंने बताया था कि फिल्म ब्रह्मचारी का दिल के झरोखे में तुझ को बिठाकर... गीत राग शिवरंजनी पर आधारित था.

दूसरी और उसी फिल्म का आज कल तेरे मेरे चर्चे हर जबान पर और दिल तेरा दिवाना का धडकने लगता है मेरा दिल तेरे नाम से.. दोनों गीतों में पौर्वात्य और पाश्चात्य दोनों शैलीयों का समन्वय किया गया है. धडकने शब्द का ध ध ध ध जिस तरह मुहम्मद रफीने गाया है उस से ख्याल आ जाता है कि शम्मी कपूर के डान्स के लिये यह गीत तैयार किया गया         

हो सकता है, शम्मी कपूर की सभी फिल्मों ने बोक्स ऑफिस पे अच्छा बिझनेस नहीं किया होगा लेकिन उस ने शंकर जयकिसन के संगीत में जबरदस्त कामियाबी हांसिल की यह तो हकीकत है जिसे स्वीकार करना पडेगा.

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