देव आनंद की अन्य फिल्मों का संगीत भी यादगार रहा

 शंकर जयकिसन-59 B


पिछले अध्याय से हम ने देव आनंद की फिल्मों के लिये शंकर जयकिसन ने जिस प्रकार का संगीत दिया उस की बात शुरू की है. पतिता के बाद शंकर जयकिसन ने देव आनंद की जिन फिल्मों में संगीत परोसा वे थी लव मैरेज, जब प्यार किसी से हो ता है, असली नकली वगैरह का समावेश है. इन सभी फिल्मों का संगीत भी हिट रहा लेकिन देव आनंद के कैम्प में एस डी बर्मन कायम के संगीतकार थे अतैव देव आनंद ने शंकर जयकिसन के नवकेतन की फिल्मों में मौका नहीं दिया. वैसे तो आपने जयदेव को हम दोनों फिल्म के हिट संगीत के बाद दूसरी फिल्में देना का वादा किया था, लेकिन उस वादे का पालन कभी नहीं हुआ.

पिछले अध्यायों में हम ने लव मैरेज पिल्म के एक गीत का जिक्र किया था. राग कीरवाणी आधारित वह गीत था कहे झूम झूम रात ये दिवानी... और एक गीत का उल्लेख यहां जरूरी है. 

भैरवी आधारित यह गीत में प्रकृति का आधार लेकर गीतकार ने मुहब्बत की बात की है. यहां संगीतकार ने देव आनंद के लिये मुहम्मद रफी की आवाज पसंद की है. रफी और लता की आवाज में भैरवी आधारित वह गीत यह रहा- धीरे धीरे चल चांद गगन में कहीं ढलना जाये रात, तूट न जाय सपनें.... बहुत ही अद्भुत कल्पना है. दो प्रेमी जब साथ में होते हैं तब ऐसा महसूस होता है कि वक्त बहुत जलदी गुजर गया. मिलन की क्षण को जीवंत रखने के लिये यहां चांद को बिनती की है धीरे  धीरे चल... धीरे शब्द को दो बार कहा है.

 

लेखक अजित पोपट ने जब देव आनंद का साक्षात्कार किया उस लम्हें की झलक

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जब प्यार किसी से होता है फिल्म में हसरत जयपुरी ने एक रोमान्टिक गीत बहुत ही लंबे छंद में दिया है. लेकिन संगीतकारों ने इस गीत को भी जादुभरी तर्ज में स्वरबद्ध किया ङै. आप भी उस गीत को याद कीजिये. राग पहाडी पर आधारित वह गीत यह रहा- सौ साल पहले मुझे तुम से प्यार था, आज भी है और कल भी रहेगा...सदियों से तुझ से मिलने जिया बेकरार था, आज भी है... सीधा सादा कहरवा ताल में निबद्ध यह गीत बहुत ही मधुर बना है.

हिमाला की चोटि से तुफानी आंधी की तरह धरती की तरफ दौडती भागीरथी गंगा जब उत्तर भारत के मैदानी प्रदेश में आती है तब प्रगल्भा नारी की तरह गंभीर हो जाती है. पुनः राग पहाडी आधारित एक रोमान्टिक गीत इस फिल्म में है, जिया हो जिया हो जिया कुछ बोल दो, अरे ओ दिल का परदा खोल दो, जब प्यार किसी से होता है.... इस गीत में भी छंद लंबा है लेकिन गीत में कहीं भी झटके नहीं महसूस होत. यह विशेषता संगीतकारों की है.

देखिये, दोनों गीत पहाडी आधारित होने पर भी दोनों में कितना फर्क है. संगीत जाननेवाले रसिकों को ख्याल आ जायेगा कि शंकर जयकिसन ने क्या जादु बिखेरा है. जब प्यार किसी से होता है फिल्म नासिर हुसैन की थी., नासिर हुसैन के साथ शंकर जयकिसन की यह एकमात्र फिल्म. वैसे नासिर हुसैन भी हीरो के तौर पर शम्मी कपूर को ज्यादा पसंद करते थे.

        


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